Posts

Showing posts with the label बौद्ध दर्शन के सम्प्रदाय

बौद्ध दर्शन के सम्प्रदाय

Image
भारतीय दर्शन Home Page Syllabus Question Bank Test Series About the Writer बौद्ध दर्शन के सम्प्रदाय बौद्ध दर्शन के सम्प्रदाय       महात्मा बुद्ध के महापरिनिर्वाण के पश्चात् बौद्ध धर्म दो सम्प्रदायों में बँट गया - प्रथम हीनयान एवं द्वितीय महायान। हीनयान को थेरावाद भी कहते हैं। हीनयान में बौद्ध धर्म का प्राचीन रूप पाया जाता है। दोनों सम्प्रदायों के साथ भिन्न धाराएँ विकसित हुईं। इनमें हीनयान से सम्बद्ध वैभाषिक व सौत्रान्तिक तथा महायान से सम्बन्धित योगाचार व माध्यमिक हैं। इनका वर्णन इस प्रकार है - वैभाषिक      वैभाषिक का एक अन्य नाम ' सर्वास्तिवाद ' है। वैभाषिक या सर्वास्तिवाद का मानना है कि जगत् की समस्त वस्तुओं की सत्ता है। वैभाषिक चित्त और बाह्य वस्तुओं के अस्तित्व को स्वीकार करते हैं। नव्य वस्तुवादियों की तरह इनका भी मानना है कि वस्तुओं का ज्ञान प्रत्यक्ष को छोड़कर किसी अन्य तरीके से नहीं हो सकता। वस्तुओं के बिना प्रत्यक्ष के अनुमान द्वारा अस्तित्व सिद्ध नहीं हो सकता। यदि किसी व्यक्ति को बाह्य वस्तु का प्रत्