Posts

Showing posts with the label ज्ञातता सिद्धान्त

मीमांसा दर्शन का ज्ञाततावाद या ज्ञातता सिद्धान्त

Image
भारतीय दर्शन Home Page Syllabus Question Bank Test Series About the Writer मीमांसा दर्शन का ज्ञाततावाद या ज्ञातता सिद्धान्त मीमांसा दर्शन का ज्ञाततावाद या ज्ञातता सिद्धान्त ज्ञाततावाद या ज्ञातता ( कुमारिल भट्ट )     कुमारिल का ज्ञान विषयक मत ' ज्ञाततावाद ' कहलाता है। कुमारिल का मत है कि ज्ञान सर्वप्रकाश नहीं होता है। ज्ञान न तो स्वयं प्रकाशित होता है और न ही आत्मा को ज्ञाता के रूप में प्रकाशित करता है। ज्ञान केवल ज्ञेय ( विषय ) को ही प्रकाशित करता है। कुमारिल के अनुसार ज्ञान किसी अन्य ज्ञान द्वारा प्रकाशित नहीं होता। अतः स्पष्ट है कि ज्ञान के प्रामाण्य के सन्दर्भ में यहाँ परत : प्रामाण्यवाद को अस्वीकार किया गया है। प्रश्न यह उठता है कि आत्मा तो ज्ञाता है फिर ऐसी स्थिति में आत्मा का ज्ञान कैसे प्राप्त होता है। इस सन्दर्भ में कुमारिल का मत है कि आत्मा स्वयं अपने ही द्वारा अपना ज्ञान प्राप्त करती है तथा इस स्थिति में आत्मा स्वयं ज्ञाता एवं ज्ञेय दोनों होती है।     कुमारिल के समक्ष समस्या यह है कि जब ज्ञान का