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ब्रह्म विहार ( Brahmavihara ) |
ब्रह्म विहार ( Brahmavihara )
महात्मा बुद्ध ने अपने भिक्षुओं को मन की चार अवस्थाओं की शिक्षा दी। जिन्हें ‘ब्रह्म-विहार’, ‘चार दिव्य’ ‘चार राज्य’ ‘फोर परफेक्ट’ गुण कहा जाता है। ये चार गुण है -
- मैत्री
- करुणा
- मुदिता
- उपेक्षा
विश्व के लोगों को चार्वाक दर्शन का ज्ञान क्यों जरूरी है ? चार्वाक दर्शन की एक बहुत प्रसिद्ध लोकोक्ति है – “यावज्जजीवेत सुखं जीवेत ऋणं कृत्...