आतंकवाद ( terrorism ) की समस्या
आतंकवाद ( terrorism ) की समस्या आतंकवाद ( terrorism ) की समस्या वर्ष 2005 में संयुक्त राष्ट्र के पैनल ने आतंकवाद को ‘ लोगों को भयभीत करने अथवा सरकार या किसी अंतर्राष्ट्रीय संगठन को कोई कार्य करने अथवा नहीं करने के लिये बाध्य किये जाने के प्रयोजन से नागरिकों अथवा निहत्थे लोगों को मारने अथवा गंभीर शारीरिक क्षति पहुँचाने के उद्देश्य से किये गए किसी कार्य के रूप में परिभाषित किया। संयुक्त राज्य रक्षा विभाग ने आतंकवाद को ‘ प्राय: राजनीतिक , धार्मिक अथवा वैचारिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये सरकार अथवा समाज को अवपीड़ित या भयभीत करने हेतु व्यक्तियों अथवा संपत्ति के विरुद्ध बल अथवा हिंसा का गैर-कानूनी अथवा धमकी भरे प्रयोग ’ के रूप में परिभाषित किया है। आतंकवादी और विघटनकारी कार्यकलाप (निवारण) अधिनियम , 1987 अर्थात् टाडा भारत में ऐसा पहला विशेष कानून था जिसने आतंकवाद की परिभाषा देने का प्रयास किया था। इसके बाद आतंकवाद निवारण अधिनियम , 2002 ( पोटा) आया। वर्ष 2004 में गैर-कानूनी कार्यकलाप (निवारण) अधिनियम , 1967 को ‘ आतंकवादी गतिविधि ’ की परिभाषा शामिल करने के लिये संशोधित किया गय