Posts

Showing posts with the label दर्शन की अवधरणा

के सी भट्टाचार्य के दर्शन की अवधरणा

Image
  के सी भट्टाचार्य के दर्शन की अवधरणा  के सी भट्टाचार्य के दर्शन की अवधरणा      कृष्णचन्द्र ने दर्शन के निर्णय के सम्बन्ध में अपने ग्रन्थ ' सैद्धान्तिक चेतना ' में कहा है कि विज्ञानों के निर्णयों का सम्बन्ध तथ्यों से होता है। उनके अनुसार विज्ञान तथा दर्शन दोनों सैद्धान्तिक चेतना की अभिव्यक्तियाँ हैं। इन दोनों के निर्णयों के सम्बन्ध में कम-से-कम इतना तो कहा ही जा सकता है कि वे कथनीय हैं अथवा व्यवस्थित एवं अर्थपूर्ण ढंग से ' सन्देश वहन ' करते हैं। यह जो इन दोनों का न्यूनतम लक्षण है , वह इसी कारण है कि वे दोनों सैद्धान्तिक चेतना के ही रूप हैं। कृष्णचन्द्र कहते हैं कि ' सैद्धान्तिक चेतना ' कम-से-कम कथनीय का अवबोध है। सैद्धान्तिक चेतना के स्तर सैद्धान्तिक चेतना के चार स्तर हैं , जो इस प्रकार हैं – 1.     आनुभविक स्तर          आनुभविक चेतना का निर्देश सर्वदा विषय की ओर होता है। यह निर्देश ऊपरी निर्देश होता है और इसी निर्देश से वह चेतना अर्थवान होती है। यह विषय की अन्तर्वस्तु की ऐसी अवगति है जिसका या तो प्रत्यक्ष हुआ है या लगा है कि प्रत्यक्ष हुआ है , किन्तु विषय क