Posts

Showing posts with the label समग्र मानववाद विचार

डी डी उपाध्याय का समग्र मानववाद विचार

Image
डी डी उपाध्याय का समग्र मानववाद विचार  डी डी उपाध्याय का समग्र मानववाद विचार      उपाध्याय जी ने मानवता के समग्र विकास पर चिन्तन को ' अन्त्योदय ' के नाम से भी जाना जाता है । वे मानते थे कि जब तक निर्धनों तथा पिछड़े लोगों का आर्थिक विकास नहीं किया जाएगा , उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं की जाएगी , तब तक देश का समग्र विकास सम्भव नहीं है । अन्त्योदय एक विचार नहीं , एक पद्धति है , जिसका क्रियान्वयन होना आवश्यक है । उपाध्याय के अनुसार , " प्रत्येक भारतवासी हमारे रक्त और मांस का हिस्सा है । हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे , जब तक हम हर एक को आभास न करा दें , कि पाश्चात्य सिद्धान्त स्वयं में एकांगी विकास को समेटे हुए थे , फिर चाहे वह समाजवाद हो , पूँजीवाद , साम्यवाद , उदारवाद हो अथवा व्यक्तिवाद । ” इन सबका एक ही लक्ष्य उभरकर सामने आया वह है एकांगी विकास । देश का समग्र विकास करने के लिए एक नवीन सिद्धान्त , दर्शन अथवा विकास की आवश्यकता थी , जिसे उपाध्याय के समग्र मानवतावाद ने पूर्ण किया ।     उनका मानना था कि पश्चिमी संस्कृति के उन्हीं तत्त्वों को अपनाओ जो विकास में सहायक हैं , परन्त