Posts

Showing posts with the label ईश्वर विचार

इकबाल का ईश्वर विचार

Image
इकबाल का ईश्वर विचार  इकबाल का ईश्वर विचार       इकबाल का ईश्वर विचार पूर्णतः इस्लाम के ईश्वर विचार पर आश्रित है। इस्लाम का ईश्वर एक है। वह सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञानी और परमशुभ है। वह सृष्टिकर्ता है तथा वह सृष्टि की कार्यविधि का निर्णायक भी है। ईश्वर के संदर्भ में इकबाल कहते है कि ‘दैवी ज्ञान सृजनात्मक है क्योंकि कुछ भी ईश्वर बाह्य नहीं है। वह स्वयं अपने ज्ञान का विषय है। वह जैसा जनता है सृजन करता है और जैसा सृजन करता है, जनता है’। इकबाल के अनुसार, बौद्धिक प्रमाणों के द्वारा ईश्वर की स्थापना नहीं हो सकती। इसके लिए एक सूझ अर्थात अन्तर्दृष्टि की आवश्यकता है। जिस प्रकार अन्तर्दृष्टि आत्म स्वरूप को प्रकाशित करती है उसी प्रकार ईश्वर स्वरूप पर भी प्रकाश दे सकती है। ----------------

योग दर्शन में ईश्वर विचार

Image
भारतीय दर्शन Home Page Syllabus Question Bank Test Series About the Writer योग दर्शन में ईश्वर विचार  योग दर्शन में ईश्वर विचार    ईश्वर विचार ( योग में ईश्वर की भूमिका )      योग दर्शन में प्रकृति और पुरुष से भिन्न एक स्वतन्त्र नित्य तत्त्व के रूप में ईश्वर की सत्ता को स्वीकार किया गया है। यही कारण है कि योग दर्शन को ' सेश्वर - सांख्य ' भी कहा जाता है। ईश्वर के सम्बन्ध में पतंजलि ने अपने योगसूत्र में कहा है कि जो क्लेश , कर्म , आसक्ति और वासना इन चारों से असम्बन्धित हो , वही ईश्वर है। यहाँ ईश्वर के सम्बन्ध में निम्न बातें स्पष्ट होती है - ●     ईश्वर , अविद्या , अस्मिता , राग , द्वेष और अभिनिवेश , इन पाँचों क्लेशों से रहित है। ●       ईश्वर पाप - पुण्य और इन कर्मों से उत्पन्न फल तथा उनसे उत्पन्न वासनाओं ( आशय ) से असम्बन्धित है। ●     ईश्वर को एक विशेष पुरुष की संज्ञा दी गई है , जो दुःख कर्म विपाक से अछूता रहता है। परन्तु ईश्वर न कभी बन्धन में था , न कभी होगा , क्योंकि वह नित्य मुक्त है।     योगमतानु