सामाजिक लोकतन्त्र ( Social Democracy )

सामाजिक लोकतन्त्र ( Social Democracy )

सामाजिक लोकतन्त्र ( Social Democracy )

    सामाजिक लोकतन्त्र एक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विचारधारा है। यह विचारधारा एक पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में सामाजिक न्याय एवं आर्थिक न्याय का समर्थन करती है। संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर जी ने नवंबर 1949 के संविधान सभा के अन्तिम भाषण में सामाजिक लोकतन्त्र को परिभाषित करते हुए कहा था – “सामाजिक लोकतन्त्र एक ऐसी जीवन पद्धति है जिसमें स्वतंत्रता, समता और बंधुता जैसे सामाजिक सिद्धांत मूल सिद्धान्त होंगें”। भीमराव अम्बेडकर जी ने सामाजिक लोकतन्त्र के चार स्तम्भ कहे है –

  1. न्यायपालिका
  2. कार्यपालिका
  3. विधायिका
  4. मीडिया   

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