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Showing posts from November, 2023

विश्व के लोगों को चार्वाक दर्शन का ज्ञान क्यों जरूरी है ?

विश्व के लोगों को चार्वाक दर्शन का ज्ञान क्यों जरूरी है ? चार्वाक दर्शन की एक बहुत प्रसिद्ध लोकोक्ति है – “यावज्जजीवेत सुखं जीवेत ऋणं कृत्वा घृतं पिवेत्। भस्मीभूतस्य देहस्य पुनरागमन् कुतः॥” अर्थात् जब तक जियो सुख से जियो ऋण लेकर भी घी पियो। एक बार शरीर भस्म हो जाए तो फिर कौन लौटकर आता है। आज प्रत्येक युवा पीढ़ी इसी दर्शन को फॉलो कर रही है। उन्हें सुखवाद को लेकर एक अजीब सा जनून पैदा हो गया है। हर कोई यह चाहता है कि मुझे बस सुख मिल जाए चाहे उसके लिए वह कितना भी आध्यात्मिक पतन क्यों न कर ले। वह अपने सुख की कामना केवल आर्थिक संसासधनों में खोजने लगा है और अपनी आर्थिक उन्नति के लिए समाज के नैतिक मूल्यों को बेशर्मी के साथ सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर परोस रहा है। नित रोज नैतिक मूल्यों का जो अवमूल्यन इन सोशल प्लेटफॉर्म्स पर हो रहा है उसके पीछे केवल और केवल सुख की चाहा है। इस सुख की चाहा चार्वाक दर्शन भी करता है इसलिए तो चार्वाक दर्शन को सुखवादी दर्शन कहते है। परन्तु नैतिक अवमूल्यन की जो पराकाष्ठा आज देखने को मिल रही है इतनी तो शायद चार्वाक सम्प्रदायों में भी नहीं थी। वे भी अपना एक प्रकार का दर्शन रख

भारतीय दर्शन की वस्तुनिष्ठ तैयारी कैसे करें ?

 भारतीय दर्शन की वस्तुनिष्ठ तैयारी करने के लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए: भारतीय दर्शन के विभिन्न स्कूलों, उनके प्रमुख विचारकों, उनके सिद्धांतों और उनके आपसी सम्बन्धों का अच्छी तरह से अध्ययन करें। भारतीय दर्शन के संबंध में विभिन्न प्रश्नोत्तरी, टेस्ट सीरीज, नोट्स और अन्य सामग्री का उपयोग करें। आप इन्हें इंटरनेट पर आसानी से ढूंढ सकते हैं। भारतीय दर्शन के संबंध में निम्नलिखित वेबसाइटों पर जाएं और उनकी सामग्री को पढ़ें और समझें। भारतीय दर्शन - विकिपीडिया : यहां आपको भारतीय दर्शन के इतिहास, विकास, प्रकार, प्रभाव और विशेषताओं के बारे में जानकारी मिलेगी। प्राचीन भारतीय इतिहास पर सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी: भारतीय दर्शन प्रणाली और प्राचीन भारतीय इतिहास पर सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी: भारतीय दर्शन प्रणाली सेट V : यहां आपको भारतीय दर्शन से संबंधित 10-10 वस्तुनिष्ठ प्रश्न दिए गए हैं, जो आपकी तैयारी के लिए उपयोगी होंगे। कला एवं संस्कृति एनसीईआरटी नोट्स - Art and Culture NCERT Notes : यहां आपको भारतीय कला और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं के बारे में एनसीईआरटी के आधार पर नोट्स मिलेंगे,