तिरुवल्लुवर का तिरुक्कुरल विचार

तिरुवल्लुवर का तिरुक्कुरल विचार 

तिरुवल्लुवर का तिरुक्कुरल विचार 

    उनके द्वारा संगम साहित्य में तिरुक्कुरल या 'कुराल' (Tirukkural or ‘Kural') की रचना की गई थी । तिरुक्कुरल की तुलना विश्व के प्रमुख धर्मों की महान पुस्तकों से की गई है। तिरुक्कुरल में 10 कविताएँ व 133 खंड शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक को तीन पुस्तकों में विभाजित किया गया है-

1.    अराम- Aram (सदगुण- Virtue)

2.   पोरुल- Porul (सरकार और समाज)।

3.   कामम- Kamam (प्रेम)।

इसके पहले खण्ड अराम में विवेक और सम्मान के साथ अच्छे नैतिक व्यवहार को बताया गया है । दूसरे खण्ड पोरुल में सांसारिक मामलों की उचित एवं विस्तृत चर्चा की गई है तथा तीसरे खण्ड कामम में पुरुष और महिला के प्रेम सम्बन्धों पर विचार किया गया है ।

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