ज्योतिबा फुले का जाति व्यवस्था बोध
ज्योतिबा फुले का जाति व्यवस्था बोध |
ज्योतिबा फुले का जाति व्यवस्था बोध
ज्योतिबा फुले जातीय व्यवस्था के बुनियादी समाज में परिवर्तन
करना चाहते थे । इसके लिए उन्होंने महाराष्ट्र में “सत्यशोधक समाज” की स्थापना की
। ज्योतिबा फुले ने अपनी पुस्तक ‘गुलामगिरी’ में जाति व्यवस्था की व्याख्या की और
कहा कि “हमे भारतीय समाज के शूद्र-अतिशूद्र लोगों की ऐतिहासिक गुलामी का अन्त करना
होगा और इसके लिए सभी न्यायप्रिय लोगों को विरोध करना पड़ेगा”।
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