नारायण गुरु का आध्यात्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक समानता का विचार
नारायण गुरु का आध्यात्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक समानता का विचार |
नारायण गुरु का आध्यात्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक समानता का विचार
श्री नारायण गुरु ने आध्यात्मिक स्वतंत्रता और समाजिक समानता
का विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि “ईश्वर न तो पुजारी है और न ही किसान है, वह सब
में हैं । सभी पुरुष भगवान की दृष्टि में समान है”। अर्थात “ओम सहोदरीम्
सर्वत्र” । समाजिक प्रगति के लिए उन्होंने तीन सुझाव दिए – संगठन, शिक्षा और
औद्योगिक विकास ।
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