साधारण धर्म ( Sadharan Dharm ) का स्वरूप

साधारण धर्म ( Sadharan Dharm ) का स्वरूप 

साधारण धर्म ( Sadharan Dharm ) का स्वरूप 

    साधारण धर्म वे धर्म है जो सभी मनुष्यों के लिए जाति, वर्ग एवं अवस्था के भेद से परे किए जाने वाले आवश्यक कर्तव्य है। महर्षि मनु ने साधारण धर्म के दस लक्षण कहे है-

धृति: क्षमा दमोऽस्‍तेयं शौचमिन्‍द्रियनिग्रह:।

धीर्विद्या सत्‍यमक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम्‌।। (मनुस्‍मृति 6.92)

अर्थ धृति (धैर्य), क्षमा (अपना अपकार करने वाले का भी उपकार करना, दम (हमेशा संयम से धर्म में लगे रहना), अस्तेय (चोरी न करना), शौच (भीतर और बाहर की पवित्रता), इन्द्रिय निग्रह (इन्द्रियों को हमेशा धर्माचरण में लगाना), धी (सत्कर्मों से बुद्धि को बढ़ाना), विद्या (यथार्थ ज्ञान लेना), सत्यम (हमेशा सत्य का आचरण करना) और अक्रोध (क्रोध को छोड़कर हमेशा शांत रहना)। यही धर्म के दस लक्षण है।

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