भारतीय दर्शन |
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प्रश्न - एक वस्त्र और उसके धागों के बीच कारणता है –
- असमवायि
- समवायि
- असमवायि और समवायि दोनों
- निमित्त
उत्तर - ( 2 ) न्याय दर्शन में तीन प्रकार के कारण माने गये हैं ये है –
- उपादान कारण
- असमवायी कारण
- निमित्त कारण
उपादान कारण उस द्रव्य को कहा जाता है जिसके द्वारा कार्य का निर्माण होता है। असमवायी कारण उस गुण या कर्म को कहते है जो उपादान कारण में समवेत रहकर कार्य की उत्पत्ति में सहायक होता है। निमित्त कारण उस कारण को कहा जाता है, जो द्रव्य से कार्य उत्पन्न करने में सहायक होता है।
समवाय सम्बन्ध के पाँच भेद बताये गये हैं -
- अवयव-अवयवी सम्बन्ध
- गुण-गुणी सम्बन्ध
- क्रिया-क्रियावन सम्बन्ध
- सामान्य-विशेष सम्बन्ध और
- विशेष-नित्य द्रव्य सम्बन्ध
मेज तथा उसके अवयवों का सम्बन्ध अवयव-अवयवी सम्बन्ध है, फलतः समवाय सम्बन्ध है। मेज तथा उसके रंग का सम्बन्ध गुण-गुणी समबन्ध है, फलतः समवाय सम्बन्ध है। इसी प्रकार मेज तथा मेजत्व का सम्बन्ध सामान्य-विशेष सम्बन्ध है अतः यह भी समवाय सम्बन्ध है।