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बौद्धों का असख्यातिवाद |
बौद्धों का असख्यातिवाद
असख्यातिवाद
भ्रम के इस सिद्धान्त का प्रतिपादन शून्यवादी बौद्ध दार्शनिकों द्वारा किया गया। शून्यवादियों के अनुसार, रस्सी तथा साँप दोनों असत् हैं। क्योंकि रस्सी और साँप के बारे में बुद्धि की किसी भी कोटि के द्वारा कुछ भी नहीं कहा जा सकता है, परिणामस्वरूप भ्रम के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता अतः भ्रम शून्य है।------------
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