राधाकृष्णन का जीवन आदर्श विचार

राधाकृष्णन का जीवन आदर्श विचार 

राधाकृष्णन का जीवन आदर्श विचार 

     राधाकृष्णन ने Idea (आदर्श) तथा Idealism (आदर्शवाद) शब्द के विभिन्न अर्थों का विश्लेषण किया है। Idea का तात्पर्य है, यह हमें किस ओर प्रेरित कर रहा है या किस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अग्रसर कर रहा है। जगत् के क्रियाकलाप कोई अबौद्धिक क्रियाकलाप नहीं हैं, बल्कि यह निरन्तर किसी आदर्श प्राप्ति की ओर उन्मुख होता है, तो वह विचार आदर्शवाद का उदाहरण बन जाता है। इसी दृष्टि से आदर्शवादी विचारक जगत् की अपनी सार्थकता को स्वीकार करते हैं, जिसका अपना कुछ लक्ष्य है और इसकी सभी प्रक्रियाएँ उस लक्ष्य के प्रयोजन की प्राप्ति के माध्यम हैं। राधाकृष्णन पूर्णतया एक आदर्शवादी हैं, क्योंकि उनके अनुसार जगत् प्रक्रिया से कुछ प्रयोजन सिद्ध होते हैं और यह प्रक्रिया सतत् किसी लक्ष्य की ओर अग्रसर हो रही है। वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास के कारण आधुनिक जीवन यन्त्रयुक्त जीवन हो गया है। परिणामस्वरूप मानव की आत्म-अनुभूति शक्ति कुंठित हो गई है, जिससे मानव जगत् प्रक्रिया के इस आदर्श रूप की उपेक्षा कर देता है। राधाकृष्णन के अनुसार, जगत् प्रक्रिया के आदर्श रूप स्थापित करने के लिए सबसे अधिक आवश्यकता आत्म को जगाने की है तथा आध्यात्मिक आस्था को पुनः स्थापित करने की है। जब तक मानव की आध्यात्मिक शक्ति जाग्रत नहीं होती है, तब तक मानव जीवन दिशाहीन, निरर्थक एवं अशुभ ही प्रतीत होगा।

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