रविन्द्र नाथ टैगोर का शिक्षा सम्बन्धी विचार

रविन्द्र नाथ टैगोर का शिक्षा सम्बन्धी विचार 

रविन्द्र नाथ टैगोर का शिक्षा सम्बन्धी विचार 

    टैगोर भारत की शिक्षा व्यवस्था से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने भारतीय पाठशालाओं की तुलना कल- कारखानों से की और अध्यापक की तुलना कारखाने के मैकेनिक से की। वे शिक्षा व्यवस्था में गुरु एवं शिष्य के बीच आत्मीय सम्बन्धों के पक्षधर थे। वे शिक्षा को सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानते थे। वे कहते थे कि शिक्षा को पैसे से नहीं वरन प्रेम से पाया जा सकता है। टैगोर का मानना था कि शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जो छात्रों में भाई-चारे एवं समरसता का विकास करें।

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