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इकबाल का बुद्धि एवं अन्तः प्रज्ञा विचार |
इकबाल का बुद्धि एवं अन्तः प्रज्ञा विचार
इकबाल के अनुसार, धर्मिक सत्यों का ज्ञान साधारण बुद्धि से
नहीं हो सकता इसके लिए एक सूझ की आवश्यकता होती है। यह सूझ ही अंतःप्रज्ञा है।
मानव के जीवन में इसी अंतःप्रज्ञा का निरन्तर महत्वपूर्ण स्थान होता है। सत् के
स्वरूप का ज्ञान इसी अंतःप्रज्ञा से ही सम्भव है। कुरान शरीफ में सत् के प्रत्यक्ष
करने के ढंग को फ़ौद या कल्ब कहते है जिसे अंग्रेजी में Heart कहा जाता है। इकबाल के अनुसार यह Heart ही एक प्रकार
की अंतःप्रज्ञा है।
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