Wednesday, May 18, 2022

जिद्दू कृष्णमूर्ति ( Jiddu Krishnamurti )

जिद्दू कृष्णमूर्ति ( Jiddu Krishnamurti )

जिद्दू कृष्णमूर्ति ( Jiddu Krishnamurti ) 

    जिद्दू कृष्णमूर्ति (12 मई 1895 – 17 फरवरी, 1983) दार्शनिक एवं आध्यात्मिक विषयों के लेखक एवं प्रवचनकार थे। वे मानसिक क्रान्ति (psychological revolution), मस्तिष्क की प्रकृति, ध्यान, मानवी सम्बन्ध, समाज में सकारात्मक परिवर्तन कैसे लायें आदि विषयों के विशेषज्ञ थे। वे सदा इस बात पर जोर देते थे कि प्रत्येक मानव को मानसिक क्रान्ति की जरूरत है और उनका मत था कि इस तरह की क्रान्ति किन्हीं वाह्य कारक से सम्भव नहीं है चाहे वह धार्मिक, राजनैतिक या सामाजिक कुछ भी हो।

जिद्दू कृष्णमूर्ति ( Jiddu Krishnamurti ) की रचनायें

कृष्णामूर्ति एक एैसे दाशर्निक हैं, जिन्होंने आत्मज्ञान पर विशेष बल दिया। हिन्दी भाषा में उनके अनुवादित मुख्य रचनायें हैं-

Ø  शिक्षा और संवाद

Ø  शिक्षा और जीवन का तात्पर्य

Ø  शिक्षा केन्द्रों के नाम पत्र

Ø  सीखने की कला

Ø  ध्यान

Ø  विज्ञान एवं सृजनशीलता

Ø  स्कूलों के नाम पत्र

Ø  परम्परा जिसने अपनी आत्मा खो दी

Ø  प्रेम

Ø  ध्यान में मन

जिद्दू कृष्णमूर्ति ( Jiddu Krishnamurti ) के दार्शनिक विचार 


जे कृष्णमूर्ति का विचार प्रत्यय



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