Wednesday, June 1, 2022

कामन्दकीय ( Kamandakiya Nitisara ) सामाजिक व्यवस्था और राज्य के तत्व

कामन्दकीय ( Kamandakiya Nitisara ) सामाजिक व्यवस्था और राज्य के तत्व 

कामन्दकीय ( Kamandakiya Nitisara ) सामाजिक व्यवस्था और राज्य के तत्व 

    कामन्दकीय नीतिसार राज शास्त्र का एक संस्कृत ग्रन्थ है जिसके रचयिता कामन्दकी अथवा कामन्दक है। कामन्दकीय नीतिसार पर पाँच टिकाएं उपलब्ध है – उपाध्याय, निरपेक्ष, आत्मारामकृत, जयरामकृत, वरदराजकृत और शंकराचार्य कृत। कामन्दकीय नीतिसार में कुल 20 सर्ग अर्थात अध्याय तथा 36 प्रकरण है। जिनमें चार विषयों – आन्वीक्षिकी, त्रयीविद्या, वार्ता एवं दण्डनीति का प्रतिपादन किया गया है। कामन्दकीय नीतिसार के चतुर्थ सर्ग में राज्य के सप्तांगो का प्रतिपादन किया गया है जो है – राजा, आमात्य, राष्ट्र, दुर्ग, कोष और मित्र।

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