वैशेषिक दर्शन में द्रव्य की अवधारणा
भारतीय दर्शन |
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वैशेषिक दर्शन में द्रव्य की अवधारणा |
वैशेषिक दर्शन में द्रव्य की अवधारणा
द्रव्य, गुण तथा क्रिया
का आधार तथा समस्त सावयव वस्तुओं का उपादान कारण है। वैशेषिकों के अनुसार द्रव्य 9 प्रकार
के हैं-
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पंचमहाभूत, (पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु
तथा आकाश)
●
दिक्-काल,
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मन और
●
आत्मा।
उल्लेखनीय है कि पंचमहाभूतों-पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु तथा आकाश में से आकाश के परमाणु नहीं होते, शेष चार भूतों के परमाणु होते हैं तथा ये परमाणु नित्य हैं, किन्तु इनके मिलने से जो कुछ भी बनता है वह अनित्य है अर्थात् उत्पन्न और नष्ट होता है। संसार की समस्त वस्तुएँ इन्हीं भूतों के संयोग से उत्पन्न हुई हैं तथा अनित्य हैं। वस्तु के नष्ट होने पर भी परमाणु नष्ट नहीं होते, क्योंकि परमाणु नित्य हैं। वैशेषिकों के अनुसार, द्रव्य पर ही 'गुण' तथा कर्म ये दोनों पदार्थ निर्भर करते हैं।
वैशेषिक दर्शन में पदार्थ एवं द्रव्य
पदार्थ |
द्रव्य |
द्रव्य |
पृथ्वी |
गुण |
जल |
कर्म |
तेज |
सामान्य |
वायु |
विशेष |
आकाश |
समवाय |
काल |
अभाव |
दिक |
|
आत्मा |
|
मन |
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