सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Sarvepalli Radhakrishnan )
सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Sarvepalli Radhakrishnan )
सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Sarvepalli Radhakrishnan )
डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (5 सितम्बर 1888
– 17 अप्रैल 1975) भारत के प्रथम
उप-राष्ट्रपति (1952 — 1962) और द्वितीय राष्ट्रपति रहे। वे
भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के
कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान
भारत रत्न से अलंकृत किया था। उनका जन्मदिन (5 सितम्बर) भारत
में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Sarvepalli Radhakrishnan ) की कृतियाँ
Ø रवींद्रनाथ
टैगोर का दर्शन
Ø इंडियन
फिलॉसफी
Ø द हिंदू
व्यू ऑफ लाइफ
Ø जीवन का एक
आदर्शवादी दृष्टिकोण
Ø कल्कि या
भविष्य का सभ्यता
Ø ईस्टर्न रिलिजन्स
एंड वेस्टर्न थॉट
Ø धर्म और
समाज
Ø भगवद्गीता:
एक परिचयात्मक निबंध
Ø द धम्मपद
Ø द प्रिंसिपल
उपनिषद
Ø विश्वास की
वसूली
Ø ए सोर्स बुक
इन इंडियन फिलॉसफी
Ø ब्रह्म
सूत्र: आध्यात्मिक जीवन का दर्शन
Ø धर्म, विज्ञान
और संस्कृति
सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Sarvepalli Radhakrishnan ) के दार्शनिक विचार
राधाकृष्णन का बुद्धि एवं अंतःप्रज्ञा विचार
राधाकृष्णन का जीवन आदर्श विचार
राधाकृष्णन की सार्वभौमिक धर्म की संकल्पना
राधाकृष्णन का जीवन के प्रति हिन्दू दृष्टिकोण
------------
Comments
Post a Comment